नेशनल पेंशन स्कीम डिटेल्स हिंदी में
रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारियों की तरह आप भी पेंशन पा सकते है. आज बाज़ार में बहुत से पेंशन फंड्स है जिनमे निवेश करके आप अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग कर सकते है. इन फंड्स में निवेश करके आप रिटायरमेंट के बाद नियमित आय पा सकते है.
इन्हीं पेंशन स्कीम्स में से एक है NPS (नेशनल पेंशन स्कीम). यह पेंशन स्कीम सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती है. अर्थात् यह एक ऐसी पेंशन योजना है जिस पर आप अपने बुढ़ापे के लिए नि:संकोच निवेश कर सकते है.
क्या है नेशनल पेंशन स्कीम?
नेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए की गयी थी. सरकार ने इसके फायदे देखते हुए स्कीम को सभी भारतीय नागरिकों के लिए ओपन कर दिया. अब इस स्कीम में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अर्ध शासकीय संस्थान, निजी क्षेत्र के कर्मचारी और आम नागरिक भी निवेश कर सकते हैं.
18-65 साल का कोई भी व्यक्ति इस पेंशन खाते में नियमित निवेश कर सकता है. व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से निवेशक के एनपीएस फण्ड की वैल्यू बढ़ती हैं.
इस योजना का विनियमन (regulation) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा किया जाता है.
एनपीएस में कौन निवेश कर सकता है?
भारत का कोई भी नागरिक (आवासीय और प्रवासी दोनों) एनपीएस में निवेश कर सकता है. निवेश के समय निवेशक की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होना आवश्यक है.
अनिवासी भारतीय में NPS में निवेश कर सकते है. अनिवासी भारतीय द्वारा किये गए योगदान आरबीआई और फेमा द्वारा समय समय पर नियमित किये जाते हैं.
OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) और PIO (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजन) कार्ड धारक और HUF एनपीएस खाता खोलने हेतु पात्र नहीं हैं।
टियर 1 और टियर 2 खाते
एनपीएस में दो तरह के खाते, टियर 1 और टियर 2 खाते होते हैं. 60 साल की उम्र तक टियर 1 खाते से फंड विद्ड्रॉल नहीं किया जा सकता है. टियर 2 एनपीएस खाता एक बचत खाते की तरह काम करता है, जहां से निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकता है.
एनपीएस खाता क्यों खुलवाएं?
बाजार में उपलब्ध अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना में एनपीएस के अनेक फायदे हैं. निवेशक इसकी निम्नलिखित विशेषताओं के कारण इसमें निवेश करते हैं.
- यह एक कम लागत वाला प्रोडक्ट है
- व्यक्ति, कर्मचारी और न्योक्ताओ को कर लाभ देता है
- इसमें बाजार आधारित रिटर्न है
- यह अनुभवी पेंशन फण्ड द्वारा प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाता है
- इसे संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित एक विनियामक पीएफआरडीए द्वारा विनियमित (रेगुलेट) किया जाता है
एनपीएस पर मिलती है टैक्स छूट
एनपीएस में किये गए योगदान पर इनकम टैक्स की धारा 80 सीसीडी (1), 80 सीसीडी (1बी) और 80 सीसीडी (2) के तहत टैक्स छूट मिलती है.
सेक्शन 80सी में 1.50 लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छुट मिलती है. एनपीएस में निवेश पर अलग से 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट का फायदा उठा सकते हैं.
एनपीएस खाता कैसे खोले?
एनपीएस खाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से खोला जा सकता है.
ऑनलाइन एनपीएस खाता
एनपीएस खाता ऑनलाइन खोलने के लिए एनएसडीएल-सीआरए की वेबसाइट (https://enps.nsdl.com) पर जाए और आधार अथवा पैन कार्ड के विवरण के माध्यम से स्वयं का पंजीकरण करे. अन्य आवश्यक विवरण भरे. फिर प्रारंभिक अंशदान का भुगतान करने के बाद आपको PRAN (स्थायी रिटायरमेंट खाता संख्या) मिलेगा. इसकी मदद से आप NPS लॉग इन कर सकते हैं.
ऑफलाइन एनपीएस खाता
आप पीओपी के माध्यम से ऑफलाइन एनपीएस खाता खुलवा सकते हैं. लगभग सभी सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंकों में यह सुविधा उपलब्ध है.
बैंक से सब्स्क्राइबर फॉर्म लेकर उसे KYC पेपर्स के साथ जमा करे. शुरुआती निवेश करने के बाद बैंक आपको एक स्थायी रिटायरमेंट खाता संख्या (PRAN) देगा. PRAN और पासवर्ड में मदद से आप अपने एनपीएस खाते को रन कर सकते हैं.