पीपीएफ क्या है? क्यों लोगों को इसकी कम जानकारी है?

अधिकतर भारतीय इन्वेस्टमेंट के नाम पर बैंक में फिक्स डिपोजिट करते हैं या एलआयसी का कोई प्लान ले लेते हैं. जानकारी के अभाव में वे अधिक रिटर्न देने वाले सुरक्षित निवेश विकल्प में निवेश नहीं करते.

पीपीएफ (PPF) भी एक ऐसा ही विकल्प है जिसमें न केवल आपका पैसा सुरक्षित रहता है बल्कि यह बैंक फिक्स डिपोजिट से ज्यादा ब्याज भी देता है. साथ ही यह इनकम टैक्स में छुट भी प्रदान करता है.

मुझे आज तक कोई ऐसा निवेशक नहीं मिला जिसे पीपीएफ खाता खुलवाने का कोई पश्चाताप हुआ है.

आखिर क्यों लोगों को इसकी कम जानकारी है?

मेरे एक मित्र ने मुझसे पूछा – जब यह इतना अच्छा इन्वेस्टमेंट का विकल्प है तो हमें कोई इसकी जानकारी क्यों नहीं देता?

इसका एक सरल सीधा उत्तर है की फिक्स डिपोजिट से बैंक को फायदा है और LIC स्कीम से आपके LIC एजेंट को. फिर ये लोग भला आपको ऐसी स्कीम के बारे में क्यों बताएँगे जिसमे इन्हें कोई कमीशन नहीं मिलता.

जी हाँ. पीपीएफ अकाउंट पर ना तो बैंक को और ना ही किसी एजेंट को कोई कमीशन नहीं मिलता. यह सरकारी योजना है जिसमे आपके और सरकार की बीच में कोई एजेंट नहीं है. यह खाता आपको स्वयं ही खुलवाना होता है.

क्या है पीपीएफ खाता? PPF Account Details

पीपीएफ यानि Public Provident Fund (पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड) एक सरकारी बचत योजना है, जिसका उद्देश्य लम्बी अवधि की बचत को बढ़ावा देना है.

Public Provident Fund (पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड) की स्थापना वर्ष 1968 में भारत सरकार द्वारा की गयी थी. इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को EPF जैसी सुविधा देना है. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के पास 1968 तक ऐसा कोई साधन नहीं था जिसमें वे अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा जमा कर सके.

असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए इसे बहुत ही लचीला (flexibile) और सभी प्रकार के करो से मुक्त रखा गया है.

यह बचत योजना ट्रिपल ई श्रेणी (E-E-E : Exempt-Exempt-Exempt) में आती है. इसका अर्थ यह है की पीपीएफ में निवेश से लेकर निकासी (निवेश, ब्याज़ और कुल रक़म) तक आप को कभी भी टैक्स नहीं लगेगा.

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